भारत सोमवार को रूस से तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की पहली खेप प्राप्त करेगा. यह आयात दोनों देशों के बीच इस ईंधन की खरीद के एक दीर्घकालिक समझौते के तहत आ रही है. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक है और अपनी ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए वह अपने आयात का विविधीकरण करने के लिए प्रयासरत है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकारी कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड रूस की कंपनी गैजप्रॉम से एलएनजी का आयात कर रही है. वहां से एलएनजी की खेप यहां पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के आयात टर्मिनल पर उतारी जाएगी.
रूस के साथ यह आयात शुरु करने से कुछ हफ्ते पहले ही भारत ने अमेरिका से भी अपना पहला एलएनजी कार्गो आयात किया था. इसके लिए भी उसने एक दीर्घकालिक सौदा किया है. जब अमेरिका से गैस महाराष्ट्र के डाभोल बंदरगाह पहुंची थी तो पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान वहां मौजूद थे , ठीक इसी तरह जब रूस से जब गैस यहां पेट्रोनेट टर्मिनल पहुंचेगी तब भी वह मौजूद रहेंगे.
गेल ने रूस की आपूर्तिकर्ता कंपनी गेजप्रॉम के साथ 20 साल के इस समझौते पर दोबारा वार्ता की और हर वर्ष 25 लाख टन एलएनजी आयात के लिए समझौता किया.
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