जम्मू कश्मीर में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा खत्म होने के नाम नहीं ले रही है. कश्मीरी नागरिकों और सुरक्षाबलों के बीच संघर्ष जारी है. इसी बीच जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आतंकवाद की राह पर चल पड़े लोगों से हथियार छोड़ने की अपील की.
महबूबा मुफ्ती ने यहां एक कार्यक्रम में लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुरक्षाबल पर हमले करने से कुछ हासिल नहीं होगा. सेना या सीआरपीएफ के जो जवान कश्मीर में आते हैं, वो गरीब राज्यों से होते हैं. उन पर हमला करने से कुछ हासिल नहीं होगा.
मुख्यमंत्री ने कश्मीरी जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अमन में ही रास्ता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों को आपस में एक बार फिर बातचीत कर यह खूनखराबा बंद करना चाहिए.
महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'सीमा पर संघर्षविराम उल्लंघन दुर्भाग्यपूर्ण है और यह सैन्य अभियान महानिदेशकों के स्तर पर बातचीत के बाद हुआ है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. दोनों तरफ के लोगों की जान जा रही है. सैन्य अभियान के महानिदेशकों को दोबारा मुलाकात कर इस पर बातचीत करनी चाहिए तथा सीमा पर गोलीबारी और रक्तपात बंद होना चाहिए.'
बता दें राज्य में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, जहां पिछले कुछ दिनों कई आतंकी वारदातें सामने आई हैं. शनिवार को लगातार दूसरे दिन आतंकियों ने सुरक्षा बल पर अलग-अलग समय पर ग्रेनेड से तीन हमले किए.
पहला हमला शनिवार शाम करीब 6 बजे किया गया. इसके बाद शाम 7 बजकर 45 मिनट और रात साढ़े 8 बजे भी सुरक्षा बल पर ग्रेनेड फेंके गए. सबसे पहले आतंकियों ने श्रीनगर के फ़तेह कदल में CRPF की गाड़ी पर ग्रेनेड से हमला किया, जिसमें तीन जवान घायल हो गए. इसके बाद श्रीनगर के ही बादशाह चौक में आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका है, जिसमें एक नागरिक घायल हो गया. हमले के बाद सुरक्षाबल ने आस पास के इलाक़े को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है.
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