नई दिल्ली I केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मध्य प्रदेश के मंदसौर में दिए गए भाषण को लेकर करारा तंज कसा है. इस दौरान बीजेपी नेता जेटली ने राहुल गांधी की समझ पर सवाल उठाए.
उन्होंने राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि आखिर वो कितना जानते हैं? वो चीजों को कब समझेंगे? इससे पहले किसान गोलीकांड की बरसी पर मंदसौर पहुंचे राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की शिवराज सिंह सरकार पर जमकर हमला बोला. पिछले साल मंदसौर में पुलिस की फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई थी.

मंदसौर में कांग्रेस की 'किसान समृद्धि संकल्प रैली' को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि जिस दिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आएगी, उसके 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ हो जाएगा.
मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. इस रैली में मध्य प्रदेश कांग्रेस के कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे.
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष की रैली के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट कर पलटवार किया. उन्होंने राहुल गांधी के ज्ञान और समझदारी पर ही सवाल उठा दिए.

जेटली ने लिखा है, ‘मध्य प्रदेश में दिए गए राहुल गांधी के भाषण को सुनने के बाद इस सवाल के जवाब को लेकर मेरी जिज्ञासा और बढ़ गई. क्या उन्हें अपर्याप्त जानकारी दी जाती है या वह अपने तथ्यों को लेकर कुछ ज्यादा ही उदार हैं.’ इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों की खामियां भी गिनाई.
पीएम मोदी पर 15 शीर्ष उद्योगपतियों के 2.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ करने के राहुल गांधी के आरोप के जवाब में जेटली ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष की यह बात तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत है. मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का एक रुपये का भी कर्ज माफ नहीं किया है.

जेटली ने कहा, 'जिन लोगों के ऊपर बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों का बकाया है, उन्हें दिवालिया घोषित किया गया और उन्हें आईबीसी के जरिए उनकी कंपनी से बेदखल किया गया है. इस कानून को मोदी सरकार ने लागू किया. इनमें ज्यादतर कर्ज यूपीए शासन के दौरान दिए गए.'

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के पास किसानों को लोन देने के लिए पैसे नहीं हैं, जबकि उद्योगपतियों को खूब लोन दिया जा रहा है. इस पर जेटली ने कहा कि यह बात तथ्यात्मक रूप से गलत है. उन्होंने कहा कि यूपीए शासनकाल में ज्यादा मात्रा में उद्योगपतियों को लोन दिए गए, जो आज एनपीए बन चुके हैं. इसका बड़ा हिस्सा बैंकों द्वारा 2008-14 में दिया गया. वहीं, मोदी सरकार ने इन पैसों की रिकवरी के लिए कदम उठाया है.

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने दो हीरा कारोबारियों को 35-35 हजार करोड़ रुपये दिए, जो अब देश छोड़कर चले गए. इस पर जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत है. बैंक धोखाधड़ी साल 2011 में शुरू हुई. उस समय यूपीए का शासन था. इस धोखाधड़ी का पता एनडीए सरकार के आने के बाद लगा.


कांग्रेस ने जेटली को बताया कृषि से अनभिज्ञ
जेटली के कटाक्ष पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि गांवों में संकट, कृषि क्षेत्र में कर्ज, किसानों की आत्महत्या और उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बिकना नरेंद्र मोदी सरकार में एक नया चलन बन गया है. उन्होंने कहा, ‘बिना विभाग के मंत्री अरूण जेटली कृषि से अनभिज्ञ हैं, लेकिन आज देश को ज्ञान दे रहे हैं.’

सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार देश के लिए एनपीए बन चुकी है. मोदी सरकार में कृषि विकास दर 1.9 फीसदी है, जबकि यूपीए सरकार में यह 4.2 फीसदी थी. उन्होंने दावा किया कि मंदसौर में राहुल गांधी की किसान रैली की वजह से किसान विरोधी बीजेपी की बुनियाद हिल गई है.

शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर किया पलटवार
राहुल गांधी के हमले से बिफरे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले राहुल गांधी को यह जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस ने इतने वर्षों तक शासन किया, लेकिन किसानों को अभी तक सिंचाई के लिए पानी तक नहीं मिल रहा है. किसानों को 18 फीसदी ब्याज में लोन देने वाली कांग्रेस आज बीजेपी से सवाल कर रही है. जबकि बीजेपी ने किसानों को जीरो फीसदी ब्याज में लोन देने का फैसला लिया है.
चौहान ने कहा कि कांग्रेस के जमाने में तो खाद के लिए लाठियां चलती थीं. और ये गोली की बात करते हैं, तो ये बताएं कि जब मुलताई में गोली चली थी, तो मुख्यमंत्री कौन थे? उन्होंने कहा कि बेतुल जिले के मुलताई में 21 से ज्यादा किसानों की मौत हुई थी. पहले कांग्रेस उसका हिसाब दे.
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