छोटी बच्चियों के साथ बढ़ते बलात्कार और यौन शोषण की घटनाओं को देखते हुए नरेन्द्र मोदी कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री के घर पर हुई  बैठक में क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है.

इस अध्यादेश में रेप के मामलों में कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. न्यूनतम 7 साल की सजा को बढ़ाकर 10 साल किया गया है. वहीं 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में मौत की सज़ा का प्रावधान किया गया.

इस एक्ट में संशोधन करने की मांग को लेकर पिछले 9 दिन से धरने पर बैठीं दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री की आभारी हूं कि उन्होंने अपनी इस जिद्दी बेटी की बात मान ली. उन्होंने ये काम देश हित में किया है. ये एक ऐतिहासिक फैसला है. ये जीत देश की जीत है.'


इस एक्ट में संशोधन किए जाने को लेकर सीपीएम की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने कहा है कि वैसे भी दुर्लभ मामलों में सजा-ए-मौत ही मिलती है, असल मुद्दा ये है कि कुछ लोग बलात्कारियों का समर्थन कर रहे हैं इन 'रेपिस्ट रक्षकों' को भी सजा मिलनी चाहिए.

उन्होंने आगे कहा 'मोदी सरकार मुद्दे को भटकाने का प्रयास कर रही है. मुझे डर है क्योंकि इसकी बहुत कम विश्वसनियता है. हम चाहते हैं कि सजा सुनिश्चित हो.'
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