विजय माल्यानीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों की सारी संपत्ति जब्त करने के लिए कानून बन गया है.  यह 100 करोड़ रु. से ज्यादा की धोखाधड़ी करने वालों पर लागू होगा. इससे जुड़े फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स बिल को मंजूरी मिल गई है. आपको बता दें कि इसमें बेनामी सहित सारी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है. विदेशी संपत्ति जब्त करने के लिए दूसरे देशों के साथ काम किया जाएगा. अपराधी देश में सिविल दावा भी नहीं कर पाएगा.

सरकार अब नीरव-माल्या जैसे मामलों में संपत्ति को कर सकेगी जब्त
सरकार बजट सत्र में ही ये बिल पास कराना चाहती थी. ये अध्यादेश पुराने मामलों में भी लागू होगा. इससे भगोड़ों की संपत्ति जब्त करना आसान होगा. इस अध्यादेश के आने से नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे मामलों में संपत्ति जब्त हो सकेगी.

बिल में क्या है


इस बिल में वित्त मंत्रालय की प्रमुख टेक्निकल विंग फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) को संपत्ति जब्त करने के लिए भगोड़े आर्थिक अपराधियों के नाम की घोषणा करने के लिए एप्लीकेशन फाइल करने की अनुमति दी गई है. पीएमएलए के तहत आने वाली अदालतों को ऐसे मामलों की जिम्मेदारी दी जाएगी.

फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स बिल की अहम बातें
>> अध्यादेश में आर्थिक अपराध करनेवाले भगोड़े की संपत्ति जब्त करने का अधिकारियों को अधिक अधिकार
>> अध्यादेश के जरिये स्पेशल कोर्ट के गठन का प्रावधान ताकि देश छोड़कर भाग चुके आर्थिक अपराधियों को भगोड़ा घोषित किया जा सके
>> अध्यादेश से बैंक और वित्तीय संस्थाओं को आर्थिक अपराध करनेवालों भगोड़ों से वसूली करने में मदद मिलेगी
>> 100 करोड़ या 100 करोड़ से अधिक से राशि से जुड़े आर्थिक अपराध के मामलों में अध्यादेश के प्रावधान होंगे लागू.
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