अमेरिका के रूस पर प्रतिबंधों की धमकी के बावजूद भारत वायुसेना के लिए S-400 ट्रायम्‍फ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्‍टम खरीदेगा. भारत ने वायु सेना के लिए रूस से एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद के लिए कीमत संबंधी बातचीत पूरी कर ली है. यह पूरा सौदा करीब 40,000 करोड़ रुपए में तय हुआ है. सूत्रों ने बताया कि रूस के साथ भारत अपने सौदे को को अमेरिकी प्रतिबंधों से बचाना चाहता है और अगले महीने अमेरिका से बैठक के दौरान इस मसले पर बात की जाएगी.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, 'अमेरिका से हमारे सभी संबंधों के दौरान हमने साफ-साफ कह दिया है कि भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग लंबे समय से चल रहा है और यह पुराना रिश्‍ता है. हमने यह भी कह दिया है कि CAATSA(अमेरिकी प्रतिबंध) भारत-रूस के रक्षा सहयोग पर असर नहीं डाल सकता.' उन्‍होंने कहा कि S-400 सौदा लंबे समय से चल रहा है और अब बात अंतिम चरण में है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस साल अक्‍टूबर में मोदी और पुतिन की सालाना बैठक से पहले यह इस सौदे का ऐलान हो सकता है.

अमेरिका ने ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत रूस पर इस साल जनवरी में प्रतिबंध लगाए थे. माना जा रहा है यह मुद्दा प्रधानमंत्री की पिछले सप्ताह सोची में पुतिन से मुलाकात के दौरान उठा था.

गौरतलब है कि भारत करीब 4000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर अपनी वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियां खरीदना चाहता है. एस-400 मिसाइल एस-300 का उन्नत संस्करण है. अलमाज़-एन्टे द्वारा उत्पादित यह मिसाइल प्रणाली रूस में साल 2007 से सेवा में है.



अमेरिका के कई सांसद और विशेषज्ञ भारत को रूस से मिसाइल सिस्‍टम खरीदने को लेकर चेतावनी दे चुके हैं. उनका कहना है कि यह सौदा भारत-अमेरिका के संबंधों के लिए घातक हो सकता है. पिछले महीने अमेरिकी सुरक्षा कमिटी के चेयरमैन मैक थॉर्नबेरी ने कहा था कि यह सौदा हुआ तो भारत-अमेरिका की सेनाओं के आपसी संबंधों पर असर पड़ सकता है.
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