नई दिल्ली I मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने की आस लगाए ज्योतिरादित्य सिंधिया कि जगह कमलनाथ को मौका मिला तो सिंधिया की उम्मीदों को तो झटका लगना ही था. सिंधिया कई बार खुलकर राज्य कांग्रेस की कमान संभालने की इच्छा जता चुके थे. सिंधिया को राहुल की पसंद भी माना जा रहा था, लेकिन
राज्य के बाकी नेताओं को साधने में कमलनाथ कामयाब हो गए.
ऐसे में सिंधिया का दिल टूटना तो लाजमी ही था. आखिर राज्य में हाल के उपचुनावों में सिंधिया ने पूरा जोर लगाकर जीत दिलाई थी. वैसे तो पार्टी अनुशासन से बंधे सिंधिया ने कोई नाराजगी नहीं जाहिर की, लेकिन रामलीला मैदान की रैली में मंच पर सिंधिया की नाराजगी सामने आ ही गयी, जब शुरू में सिंधिया ने मंच से भाषण देने से इंकार कर दिया.
हुआ यूं कि राहुल के भाषण से पहले चंद बड़े नेताओं के भाषण होने थे, जिससे राहुल के आने तक रैली में आये लोगों बांधे रखा जाना था. ऐसे में संगठन प्रभारी महासचिव अशोक गहलोत ने जब सिंधिया से गुजारिश की, तो सिंधिया ने भाषण देने से मना कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया ने कहा कि मेरे भाषण की क्या जरूरत? मेरे बोलने से क्या होगा? बहुत और लोग हैं उनसे दिलवाइये, मुझे नहीं देना भाषण.
सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में जब गहलोत खुद सिंधिया को नहीं मना पाए, तो उन्होंने सिंधिया के मित्र सचिन पायलट और जितेंद्र सिंह से मनाने को कहा. सचिन की गुजारिश भी नाकामयाब रही, सिंधिया वही जवाब देते रहे. जितेंद्र सिंह ने दोस्ताना अंदाज में सिंधिया का हाथ पकड़कर उन्हें मनाने की कोशिश की, तो भी सिंधिया नहीं माने.
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