नगर निगम के बैंक अकाउंट पर कोई डाका डाल गया। एमसी के जाली चेक बनाकर चीफ अकाउंट ऑफिसर और जाॅइंट कमिश्नर के साइन करके अकाउंट से 28 लाख 51 हजार रुपए निकाल लिए। ये रुपए 11 अक्टूबर को निकाले गए, लेकिन मामला किसी की पकड़ में नहीं आया। इससे आरोपी का साहस बढ़ गया और उसने 98 लाख एवं 22 लाख के दाे चेक और लगा दिए। लेकिन इस बार ब्रांच मैनेजर की सूझ-बूझ से चेक क्लीयर नहीं हाे सका।

बड़ी अमाउंट हाेने के चलते बैंक मैनेजर ने एमसी के चीफ अकाउंट ऑफिसर काे फाेन किया ताे फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। इसके बाद एमसी के चीफ अकाउंट ऑफिसर ने साेमवार काे सेक्टर-17 पुलिस थाने में एमसी के साथ धाेखाधड़ी किए जाने की शिकायत दी। पुलिस ने धारा 164 और 410, 420,467, 468 और 471 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

जांच करने पर पता चला कि सेक्टर-37 स्थित बैंक ऑफ बड़ाैदा की ब्रांच के एमसी अकाउंट से 11 अक्टूबर काे चेक लगाकर 28 लाख 51 हजार निकाले गए थे। इस फर्जी चेक पर निगम के चीफ अकाउंट ऑफिसर वीरेंद्र सिंह ठाकुर और जाॅइंट कमिश्नर राेहित गुप्ता के साइन किए गए थे। इसलिए बैंक अधिकारियाें ने एमसी से पूछे बगैर पैसा क्लीयरेंस के लिए अप्रूव कर दिया। पहली बार फर्जीवाड़ा करने के बाद आरोपी ने दूसरी बार 18 अक्टूबर काे 98 लाख और 22 लाख का चेक लगा दिया।

अमाउंट ज्यादा हाेने पर बैंक के ब्रांच मैनेजर ने एमसी के चीफ अकाउंट ऑफिसर वीरेंद्र सिंह ठाकुर काे फाेन करके चेक के बारे में पूछा। चीफ अकाउंट ऑफिसर ने जवाब दिया कि हमारी तरफ से इतने अमाउंट का काेई चेक अप्रूव नहीं किया गया है। बैंक मैनेजर से चेक की फाेटाे मंगवाई तो चीफ अकाउंट ऑफिसर भी हैरान रह गए। ऐसे नंबर का काेई चेक एमओएच विंग काे इश्यू ही नहीं हुआ था। चेक पर चीफ अकाउंट ऑफिसर और जाॅइंट ऑफिसर के फर्जी साइन किए गए थे।

चेकबुक भी फर्जी बनाई हुई थी
एमसी के एमओएच विंग काे इश्यू की गई चेकबुक देखी गई, लेकिन उस चेक बुक से काेई चेक यूज ही नहीं हुआ था। आरोपी ने चेक बुक भी जाली तैयार की थी और उस पर नकली साइन किए। बैंक के ब्रांच मैनेजर द्वारा वेरिफाई किए जाने से एमसी का खाता खाली हाेने से बच गया। पुलिस को शक है कि कोई अंदर का ही शख्स इसमें मिला हुआ है। इसलिए पुलिस एमसी के स्टाफ और बैंक कर्मचारियाें से पूछताछ कर सकती है।

11 अक्टूबर को कैश लेकर गया आरोपी, फुटेज चेक करेगी पुलिस
निगम ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बैंक से जाली चेक लगाकर लूटने का केस दर्ज करवा दिया है। पुलिस एमसी के एमओएच विंग के स्टाफ और बैंक कर्मचारियाें से पूछताछ कर सकती है। 28 लाख 51 हजार आरोपी ने कैश निकाले थे, इसलिए पुलिस अब 11 अक्टूबर की बैंक की सीसीटीवी फुटेज भी चेक करेगी। निगम का यह बैंक अकाउंट काफी समय से ऑपरेट नहीं हाे रहा था। इसलिए किसी ने फर्जी चेक बनाकर अधिकारियों के फर्जी साइन कर लाखों रुपए निकाल लिए।

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