मध्य प्रदेश I मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर राज्य की मतदाता सूची में 60 लाख फर्जी वोटर्स के नाम शामिल कराने का आरोप लगाया है. पार्टी ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है. साथ ही राज्य के 230 विधानसभा क्षेत्रों की भोमतदाता सूची से इस तरह के सभी नामों को हटाने की अपील की है. फिलहाल चुनाव आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं.

कांग्रेस की मध्य प्रदेश यूनिट के अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन अधिकारियों से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि राज्य में बीजेपी सरकार ने मतदाता सूची में 60 लाख फर्जी वोटर्स के नाम शामिल किए हैं.

कमलनाथ ने कहा, "हमने चुनाव आयोग को सबूत दिया है कि मध्य प्रदेश की मतदाता सूची फर्जी है. हमने 100 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी तरफ से जांच की." उन्होंने कहा, "हमने चुनाव आयोग को सबूत दिया है कि कैसे एक मतदाता का एक ही नाम, पता और पिता के नाम से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता के तौर पर शामिल किया गया है. यह गलती नहीं हो सकती है. मौजूदा मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसा जान-बूझकर किया है. "

कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग से ‘ अनेक ’ और ‘ भौगोलिक रूप से समान ’ सभी प्रविष्टियों को हटाने के लिए स्पेशल मॉनीटरिंग सिस्टम बनाने की अपील की है. वहीं, साप्ताहिक आधार पर सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को कम से कम जिला स्तर पर इस तरह के मतदाताओं की पहचान करने की गुजारिश भी की गई है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में कुल वोटर 5 करोड़ हैं और सूबे की 40 फीसदी सीटों पर वोटरों की जांच से कोई 60 लाख वोटर फर्जी निकले हैं. यानी प्रदेश में 12 फीसदी मतदाता फर्जी हैं.
कांग्रेस ने मीडिया को इसके कुछ स्लाइड्स भी दिखाए. जिसमें भोजपुर के एक वोटर का नाम 26 जगहों पर दर्ज था, जबकि गुना में एक ही महिला के तस्वीर का इस्तेमाल करके कई वोटरों की सूची बनाई गई थी.

कांग्रेस ने फर्जी मतदाता सूची तैयार करने में कथित संलिप्तता के लिए चुनाव अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग उन्हें भविष्य में चुनाव ड्यूटी पर तैनात नहीं करे.
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours