एनसीपी मुखिया शरद पवार ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में तीन दिन की बी एस येदियुरप्पा सरकार के विधानसभा में महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण से पहले गिर जाने के बाद राज्य के राज्यपाल वजुभाई वाला को इस्तीफा दे देना चाहिए. पवार ने कहा कि वाला के कदम ने लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने आज कर्नाटक विधानसभा में निर्धारित शक्तिपरीक्षण का सामना करने की बजाय इस्तीफा दे दिया. शक्तिपरीक्षण का आदेश उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस और जेडीएस की उस अर्जी पर दिया जो उन्होंने राज्य में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल वाला के निर्णय चुनौती देते हुए दायर की थी.
पवार ने कहा , 'मैं कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को प्रलोभन में नहीं फंसने के लिए बधाई देता हूं. बीजेपी को येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने में तेजी नहीं करनी चाहिए थी जब उसके पास एक (स्पष्ट) बहुमत नहीं था. 'उन्होंने कहा कि बीजेपी का येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय 'लोकतंत्र के लिए एक झटका' है इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि येदियुरप्पा का इस्तीफा 'तानाशाही और अहंकार' के अंत की शुरूआत है.
उन्होंने कहा , 'कर्नाटक में जो हुआ वह लोकतंत्र के खिलाफ है. यह विकृत मानसिकता का अंत है जिसमें मानना है कि किसी भी तरीके से चुनाव जीते जा सकते हैं और सरकारें बनायी जा सकती हैं.' महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है और लोकतंत्र की जीत हुई है. उन्होंने कहा , 'बीजेपी खरीद फरोख्त में लिप्त हो रही थी. वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय से रूकी.' उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए कि वह अपने इस्तीफे की घोषणा के बाद सदन से निकल गए जबकि 'राष्ट्रीय गान चल रहा था.'
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