नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस ने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में कहा कि सुनंदा द्वारा अपने पति शशि थरूर को भेजी गई ईमेल और मैसेज को डाइंग डिक्लेरेशन (मौत से पहले का बयान) के तौर पर लिया गया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत में पुलिस ने बताया कि सुनंदा ने मौत से आठ दिन पहले थरूर को एक ईमेल भेजकर मरने की इच्छा जताई थी।
ईमेल में लिखा था ... मैं मरना चाहती हूं
सुनंदा ने ईमेल में लिखा था, ‘अब मैं जीना नहीं चाहती हूं। मैं मरना चाहती हूं।’ इसके बाद भी शशि थरूर ने उनको समझाने की कोशिश नहीं की। अगर वह चाहते तो मनोचिकित्सक की भी मदद ले सकते थे और सुनंदा को खुदकशी करने से रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, बल्कि उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश करते रहे। इसके चलते वह मानसिक रूप से दबाव में आ गईं और घातक कदम उठा बैठीं।
पांच जून की सुनवाई पर टिकी नजर
वहीं शशि थरूर को आरोपित के तौर पर तलब किया जाए या नहीं, पटियाला हाउस कोर्ट पांच जून को इस पर अपना फैसला सुनाएगा। पुलिस के मुताबिक, मरने से कुछ दिन पहले सुनंदा ने अपने पति शशि थरूर पर पाकिस्तान की एक महिला पत्रकार के साथ संबंध होने का आरोप लगाया था।
इस मसले को सुलझाने के बजाय थरूर उनके साथ क्रूरता से पेश आते रहे। दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थरूर को तलब करने के लिए उनके पास पर्याप्त सुबूत हैं।
कोर्ट को बताया गया है कि शशि थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह को मुख्य गवाह बनाया गया है। उन्हें इस मामले में आरोपित के तौर पर बुलाया जाना चाहिए।
बता दें कि 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के पांच सितारा होटल लीला पैलेस के सुइट नंबर 345 में संदिग्ध परिस्थितियों में सुनंदा की मौत हो गई थी।
दिल्ली पुलिस की एसआइटी (विशेष जांच दल) ने सवा चार साल बाद आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा के तहत चार्जशीट दायर की है। करीब 3000 पेज की चार्जशीट में एसआइटी ने थरूर को मुख्य संदिग्ध आरोपित माना है।
एसआइटी के मुताबिक, धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) चार्जशीट में इसलिए शामिल की गई है, क्योंकि सुनंदा के शरीर पर चोट के 12 निशान मिले थे। वहीं, धारा 498 ए इसलिए लगाई गई है, क्योंकि थरूर व सुनंदा का वैवाहिक जीवन काफी तनावपूर्ण था।
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