आधुनिक डिजिटल युग में अब ठग भी डिजिटल तरीकों से शिकार ढ़ूंढने लगे है. मुंबई में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. मुंबई में एक डिजिटल कंटेंट फर्म चलाने वाली नियति शाह नामक एक महिला व्यवसायी को एक दिन अचानक किसी ने फोन किया और दावा किया कि उसके पास नियति की फर्म से जुड़े कुछ संवदेनशील दस्तावेज मौजूद हैं .फोन पर मौजूद शख्श ने पहले नियति को दस्तावेजों को सरकारी एंजेंसियों को सौंपने का डर दिखाया फिर चुप रहने के एवज में 10लाख रुपए ऐंठ लिए. रवीन्द्र खेड़ा नामक 60 वर्षीय यह ठग फिलहाल मुंबई पुलिस की गिरफ्त में है.ब्लैकमेलर के पास से मिले दस्तावेज के आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि अकेले महाराष्ट्र में ही रवींद्र खेड़ा अब तक 25अधिक कंपनियों को ठग चुका है.
ब्लैकमेलर की ऐसे बनी शिकार महिला उद्यमी
मुंबई में एक शॉर्टफॉरेमट्स डिजिटल फर्म की मालकिन नियति शाह के मुताबिक उनके फर्म के सभी काम व्हाइट में होते है और एक दिन एक आदमी का उनके पास फोन आया और उसने कंपनी से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज को उजागर करने का डर दिखाकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की. नियति को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. लेकिन जब ब्लैकमेलर ने शाह को उनके क्रेडिट ट्रांजेक्शन और पेमेंट डीटेल्स की जानकारी दी तो नियति के होश उड़ गए.
व्हॉट्सएप पर भेजा कॉरपोरेट बैंक स्टेटमेंट
क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन से जुड़ी जानकारी ब्लैकमेलर द्वारा उजागर किए जाने के बाद भी नियति शाह अब भी आश्वस्त थी कि जब उन्होंने कोई ब्लैक काम नहीं किया तो डरने की जरूरत नहीं क्या है, लेकिन कुछ दिन बाद जब ब्लैकमेलर खेड़ा ने नियति के के व्हॉट्सएप नंबर पर फर्म के कॉरपोरेट बैंक का स्टेटमेंट की कापी भेजा तो नियति बुरी तरह से डर गईं और खेड़ा की ब्लैकमेलिंग की शिकार होने से नहीं बच पाईं.
ब्लैकमेलर की ऐसे बनी शिकार महिला उद्यमी
मुंबई में एक शॉर्टफॉरेमट्स डिजिटल फर्म की मालकिन नियति शाह के मुताबिक उनके फर्म के सभी काम व्हाइट में होते है और एक दिन एक आदमी का उनके पास फोन आया और उसने कंपनी से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज को उजागर करने का डर दिखाकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की. नियति को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. लेकिन जब ब्लैकमेलर ने शाह को उनके क्रेडिट ट्रांजेक्शन और पेमेंट डीटेल्स की जानकारी दी तो नियति के होश उड़ गए.
व्हॉट्सएप पर भेजा कॉरपोरेट बैंक स्टेटमेंट
क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन से जुड़ी जानकारी ब्लैकमेलर द्वारा उजागर किए जाने के बाद भी नियति शाह अब भी आश्वस्त थी कि जब उन्होंने कोई ब्लैक काम नहीं किया तो डरने की जरूरत नहीं क्या है, लेकिन कुछ दिन बाद जब ब्लैकमेलर खेड़ा ने नियति के के व्हॉट्सएप नंबर पर फर्म के कॉरपोरेट बैंक का स्टेटमेंट की कापी भेजा तो नियति बुरी तरह से डर गईं और खेड़ा की ब्लैकमेलिंग की शिकार होने से नहीं बच पाईं.
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