योग गुरु बाबा रामदेव ने  पीएम मोदी से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक से जुड़े सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. रामदेव ने कहा कि उनके संबंध सभी दलों से बेहतर हैं, चाहें वो बीजेपी हो या कांग्रेस. रामदेव ने केंद्र सरकार की नीतियों, खामियों और 2019 के चुनाव में समर्थन पर भी बात की.

मोदी कर रहे अच्छा काम जो दिख रहा
शो की शुरुआत में सवाल किया गया कि क्या सरकार योग कर रही है? इस पर रामदेव बोले ये राजयोग है और राजयोग में कुछ राजरोग भी होते हैं. लेकिन मोदी और उनके मंत्री काफी अच्छा काम कर रहे हैं. ये जो बोलते हैं वो करते भी हैं और दिख भी रहा है.

ट्रंप से लेकर पुतिन तक करे हैं पीएम का सम्मान
रामदेव ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे पीएम हैं, जिनका सम्मान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन और जापान और चीन के राष्ट्राध्यक्ष भी करते हैं. पीएम मोदी जहां खड़े होते हैं, वह देश के सवा सौ करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

जीएसटी से काफी व्यापारी हैं नाराज
सरकार के कामकाज पर रामदेव ने कहा कि सरकार ने सड़कों का जाल बिछाया, एक देश-एक टैक्स के लिए जीएसटी लागू किया. टैक्स पारदर्शिता लाने का पहला चरण पार किया. जीएसटी से काफी व्यापारी नाराज हैं, लेकिन शुरुआत में कुछ परेशानियां तो उठानी पड़ती हैं. हालांकि अब हम उससे भी उबर चुके हैं.

मैं किसी के लिए कैंपेन नहीं कर रहा
2014 की तरह ही क्या 2019 में भी रामदेव बीजेपी का समर्थन या फिर उसके लिए प्रचार करेंगे? इस सवाल पर रामदेव ने कहा कि मैं किसी के लिए कैंपेन नहीं कर रहा हूं, लेकिन पीएम मोदी की नीयत और नेतृत्व देश के भले के लिए है. मोदी जी से लोगों की अपेक्षाएं भी ज्यादा हैं. इसमें मोदी जी कितने खरे उतरेंगे, यह देखना होगा. मेरी तो कामना है कि वह अपने अभियान में सफल हों. मैं भी अच्छे कामों का समर्थन करता हूं, क्योंकि राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित और राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है.

सबसे अच्छी योजना के सवाल पर लिया उज्ज्वला का नाम
सरकार की सबसे अच्छी योजना के सवाल पर रामदेव ने कहा कि उज्ज्वला योजना चार साल में केंद्र सरकार की सबसे अच्छी योजना है. गरीबों की मां की आंखों में रोटी बनाते समय आंसूं होते थे. 7-8 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिला है. अभी आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं हुई है, लेकिन इसका फायदा 50 करोड़ लोगों को मिलेगा. इसलिए यह योजना भी अहम है.

सबसे बुरी योजना पर नहीं लिया नाम
सरकार की सबसे खराब या बुरी योजना के सवाल पर रामदेव ने कहा कि मोदी जी बुरा क्यों चाहेंगे, लेकिन कुछ बाते हैं. वैसे मैं संन्यासी हूं और लाभ-हानि के लिए काम नहीं करता. हमने 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की चैरिटी की है. लाखों लोगों को नौकरियां दीं. नोटबंदी और जीएसटी के बाद थोड़ा झटका लगा.

किसानों और दलितों की नाराजगी
सरकार की कमी के सवाल पर रामदेव ने कहा कि किसान नाराज हैं, लेकिन मोदी जी ने कहा है कि वह किसानों की आय दोगुना करेगी. दलितों की सरकार से नाराजगी के मामले पर रामदेव ने कहा कि इसमें सरकार की कोई गलती नहीं है. SC-ST एक्ट वाला फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. हां, सरकार को इस पर तुरंत अध्यादेश लाना चाहिए था. कह सकते हैं कि इसमें देर हुई. अगर उसको ठीक से टैकल कर लेते तो गलतफहमी नहीं होती. लोगों में भ्रम पैदा कर दिया कि मोदी जी दलित विरोधी हैं. मोदी जी की योजनाएं दलितों और वंचितों के लिए ही हैं, उन्हें जरूरतमंदों के बीच नहीं पहुंचाया जा सका.

बीजेपी में सभी समूहों का प्रतिनिधित्व नहीं दिखता
रामदेव ने कहा कि मैं जातिमुक्त भारत देखना चाहता हूं, मोदी जी भी यही चाहते हैं. वर्षों से जो लोग वंचित रहे उनके बीच में भ्रांतियां फैलीं. ये बीजेपी की वैचारिक समस्या है या पता नहीं क्या है कि इसमें सभी समूहों का प्रतिनिधित्व नहीं है, जैसा दूसरे दलों में दिखता है. मुझे लगता है कि वर्ग विशेष जैसे आदिवासी या दलित का प्रतिनिधित्व नहीं दिखता है. जाट-दलित-यादव-गूजर आदि अपना प्रतिनिधित्व किसी चेहरे में देखें, ऐसा नहीं दिखता है. ये शायद कमी रही.

काले धन पर देश के बाहर भी कदम उठाने की जरूरत
रामदेव को 2014 से पहले दिया उनका बयान कि काला धन वापस आ जाए तो पेट्रोल 30 रुपये लीटर हो जाएगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सच है और मैंने मोदी जी से भी बोला था इस बात को. पेट्रोल-डीजल जितना महंगा बिकता है, उतना महंगा क्रूड ऑयल नहीं है. सरकार को इससे रेवैन्यू बहुत आता है. रेवैन्यू दो ही चीजों से ज्यादा मिलता है- शराब से और पेट्रोल से. सरकार को काम भी करना है, शायद इसलिए वह पेट्रोल और डीजल से ही सारी कमाई करना चाहती है. देश के अंदर के काले धन पर तो सरकार ने काम किया है, लेकिन देश के बाहर के काले धन पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है.

2019 में एकतरफा लड़ाई नहीं, बीजेपी को करना होगा संघर्ष
रामदेव ने कहा कि मैं राजनीतिक रूप से सर्वदलीय और निर्दलीय हूं. मैं अराजनीतिक हूं लेकिन मौन नहीं हो सकता. हालांकि मैं देखता हूं कि एक तरफ मोदी जी और एक तरफ विपक्ष- ये लोकतंत्र के लिए अच्छा है. लोकतंत्र तभी अच्छा होता है, जब सत्ता और विपक्ष में बराबर टक्कर हो. पहले ये कहा जाता था कि 2019 की छोड़ दो 2024 की सोचो, लेकिन अब 2019 के लिए भी सोचना पड़ रहा है. मैंने तो संघर्ष का जीवन जिया है तो बीजेपी वाले दोस्तों को भी संघर्ष करना चाहिए.
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