कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी जेडीएस ने विधानसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक की जनता से पूर्ण जनादेश मांगा था, जो नहीं मिला. इस वजह से आज वह कांग्रेस की कृपा पर मुख्यमंत्री बने हैं.
कुमारस्वामी ने कहा, ‘मेरी पार्टी ने अकेले सरकार नहीं बनायी है. मैंने लोगों से ऐसा जनादेश मांगा था कि मुझे उनके अलावा किसी और के दबाव में नहीं आने दे. लेकिन मैं आज कांग्रेस की कृपा पर हूं. मैं राज्य के साढ़े छह करोड़ लोगों के दबाव में नहीं हूं.’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात के लिए दिल्ली की अपनी यात्रा से पहले उन्होंने एक बार फिर कहा कि कृषि ऋण माफी उनकी पहली प्राथमिकता है क्योंकि उन्होंने इसका वादा किया था. कुमारस्वामी ने कहा कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो इस्तीफा दे देंगे. हालांकि, उन्होंने लोगों से कहा कि उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, जिसका मतलब है कि मतदाताओं ने उन्हें और उनकी पार्टी को खारिज कर दिया है.
कुमारस्वामी ने कहा, ‘राज्य के लोगों ने मुझे और मेरी पार्टी को खारिज कर दिया. मैंने पूर्ण बहुमत देने का आग्रह किया था. मैंने किसान नेताओं के बयानों को भी सुना और यह भी कि उन्होंने मुझे कितना समर्थन दिया.’ कुमारस्वामी ने कहा कि नेता के तौर पर उनकी भी कुछ मजबूरियां है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कृषि ऋण माफी को लेकर उनका रुख बिल्कुल साफ है.
बता दें कि कर्नाटक में हार के बाद सत्ताधारी कांग्रेस ने तीसरे नंबर की पार्टी जेडीएस को समर्थन देने के साथ-साथ कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था. चुनाव में बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है वहीं कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटों पर जीत मिली है.
मोदी से करेंगे मुलाकात
कुमारस्वामी सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की यह पीएम मोदी से पहली मुलाकात होगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी संघीय व्यवस्था में यह परंपरा है कि किसी राज्य के नये मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री से मिलते हैं.
सोमवार की सुबह दिल्ली पहुंचने के बाद कुमारस्वामी राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद वह केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मिलेंगे और प्रदेश की बिजली उत्पादक संयंत्रों के लिए पर्याप्त कोयला आपूर्ति करने की मांग करेंगे.
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