भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है. पांच जजों की बेंच ने ये फैसला लिया, जिसके बाद कांग्रेस नेता और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली है.

सिब्बल ने बताया कि विपक्ष को सीजेआई से कोई निजी दिकक्त नहीं है. मामला न्यायिक व्यवस्था का है. उन्होंने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट से 7 सवाल पूछे थे, लेकिन एक का भी जवाब नहीं मिला. इसलिए याचिका वापस ले ली गई.

इसके पहले कांग्रेस ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग लाने का नोटिस उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपा था, जिसे नायडू ने एक दिन बाद ही खारिज कर दिया था. उपराष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो आज खारिज हो गई. कोर्ट की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी मोजूद  रहें.

दरअसल, विपक्ष की तरफ से जिरह कर रहे सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल को 5 जजों की बेंच बनाने पर आपत्ति थी. उन्होंने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के किस प्रशासनिक आदेश के तहत याचिका पर सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच बनाई गई? इस आदेश की कॉपी दी जाए, क्योंकि विपक्ष बेंच के गठन के आदेश को चुनौती देना चाहते हैं. कोर्ट ने कहा कि किस आधार पर बेंच का गठन हुआ, इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने याचिका खारिज होने की बात भी कही. इसके बाद सिब्बल ने याचिका वापस ले ली.

सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए वरिष्ठता क्रम में छठे नंबर के जज अर्जन कुमार सीकरी की अगुवाई में जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की बेंच बनाई थी. सुप्रीम कोर्ट के नंबर 2 जज जस्टिस चेलमेश्वर ने इसपर आपत्ति जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि सीजेआई के खिलाफ ये याचिका दायर हुई थी. ऐसे में वो कैसे इसपर सुनवाई के लिए बेंच का गठन कर सकते थे.
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