केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री एस एस अहलुवालिया ने पीएम मोदी को अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों के संबंध में पत्र लिखा है. केंद्रीय मंत्री का कहना है कि पश्चिम बंगाल के कई स्थानीय निवासियों ने बताया है कि सरकार, रोहिंग्या शरणार्थियों को राज्य के संवेदनशील हिस्सों में पनाह दे रही है.

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
इस पत्र में केंद्रीय मंत्री ने लिखा है कि दार्जिलिंग और डूअर क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब हैं. इस इलाके में रोहिंग्या शरणार्थियों को पनाह देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है. भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा भेजी गई कमेटी के सर्वे से पता चला है कि डेलो के आसपास के इलाकों में 50 घर रोहिंग्याओं के लिए बनाए गए हैं. लावा के वन क्षेत्र में लगभग 140 घर बनाए गए हैं. मेल्ली और रंगपो राजमार्ग पर 130 घरों का निर्माण हुआ है. इस क्षेत्र में लगभग 320 से ज्यादा घर बने हुए हैं.


केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि इस तरह अवैध प्रवासियों को पनाह देने पर सरकार गंभीरता से चिंतन करे और अवैध प्रवास पर रोकथाम लगाए.

दार्जिलिंग, तेराई और डूअर इलाके में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं के संबंध में गोरखा मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है. गुरुंग ने पत्र में लिखा है कि सुरक्षा के लिहाज से रोहिंग्या खतरा हैं उनपर केंद्र सरकार को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
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