बेंगलुरु I कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. लिहाजा अभी तक यह तस्वीर साफ नहीं हो पाई है कि आखिर कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी.
जहां एक ओर बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया हैं, तो वहीं बीजेपी को कर्नाटक की सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाने का दांव चला है. दोनों पार्टियों की ओर से सरकार बनाने के पूरे दावे किए जा रहे हैं.

इस रस्साकसी के बीच कांग्रेस और जेडीएस की ओर से एक-एक विधायक को साथ लाने की कवायद शुरू हो गई है. ऐसे में तीन ऐसे विधायक जीते हैं, जो न तो कांग्रेस से हैं, न बीजेपी और न ही जेडीएस से हैं. लिहाजा इन तीनों विधायकों पर सबकी नजर लगी हुई है.

कर्नाटक में कोलेगाला विधानसभा सीट से बीएसपी उम्मीदवार के तौर पर एन महेश ने जीत दर्ज की है. वो पिछले 25 साल से जीत के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन उनको पहली बार जीत मिली है. हालांकि उनको जेडीएस का समर्थन हासिल था.

महेश ने कर्नाटक के जिस इलाके से जीत हासिल की है, वो यूपी के दलितों का एक बड़ा वोटबैंक है. पिछले तीन विधानसभा चुनावों से महेश क्रमश: चौथे, तीसरे और दूसरे स्थान पर रहे हैं, लेकिन इस बार वो प्रथम स्थान हासिल करने में कामयाब हुए हैं.

दूसरा नाम आर शंकर का है, जिन्होंने रानीबेन्नुर सीट पर कर्नाटक प्रगन्या पन्था जनता पार्टी (केपीजेपी) के उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार कृष्णप्पा कोलीवाड़ा को करीब चार हजार मतों से मात दी है.

केपीजेपी का गठन 31 अक्टूबर 2017 में हुआ, जिसे डी महेश गौड़ा ने बनाया था. पार्टी को कन्नड़ अभिनेता उपेंद्र राव ने लॉन्च किया था. हालांकि चुनाव से ठीक पहले मार्च 2018 में उपेंद्र राव ने पार्टी से हाथ खींच लिया.
आर शंकर ने कांग्रेस से चार बार के विधायक और विधानसभा अध्यक्ष रहे कृष्णप्पा कोलीवाड़ा से था. मालूम हो कि साल 2013 के चुनाव में भी आर शंकर कांग्रेस के कृष्णप्पा कोलीवाड़ा के सामने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन उस समय वो जीत दर्ज नहीं कर सके थे.

इसके बाद तीसरा नाम एच नागेश का है, जिस पर कांग्रेस और जेडीएस की निगाह लगी हुई है. उन्होंने कोलार जिले की मुलबागल सीट से निर्दलीय जीत हासिल की है. इस बार बतौर निर्दलीय उतरकर चुनाव जीतने वाले वो एकलौते विधायक हैं. जबकि इससे पहले करीब एक दर्जन विधायक निर्दलीय थे.

मुलबागल सीट सुरक्षित मानी जाती है. इस सीट से जेडीएस उम्मीदवार समृद्धि मंजूनाथ को उन्होंने मात दी है. इस सीट पर 39 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, लेकिन बाजी निर्दलीय उम्मीदवार एच नागेश के हाथ लगी.
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