भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ( यूआईडीएआई ) ने बुधवार को इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि वह भविष्य में आधार डेटा विश्लेषण का इस्तेमाल कर सकता है. यूआईडीएआई ने कहा कि लोगों का एक वर्ग काल्पनिक डर दिखाकर इस राष्ट्रीय पहचान कार्यक्रम को विफल करना चाहता है.

यूआईडीएआई ने बयान में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स पर सफाई देते देते हुए सुप्रीम कोर्ट में प्राधिकरण के एडवोकेट राकेश द्विवेदी के बयान पर स्थिति साफ करने का प्रयास किया. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यूआईडीएआई के एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि गूगल आधार को विफल करने का प्रयास कर रहा है, जो सही नहीं है.




यूआईडीएआई ने कहा, सीनियर एडवोकेट द्विवेदी ने कहा था कि जहां तक गूगल, फेसबुक या ट्विटर का सवाल है , उनकी तुलना आधार से नहीं की जा सकती. इनफार्मेशन का नेचर अलग है. साथ ही दोनों में अलग अलग एल्गोरिथम का इस्तेमाल किया जाता है.
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